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कुछ दि। मैं यहां कैसे पहुंचा? | मरियम मिरो द्वारा
मैं यहां कैसे पहुंचा? सवाल मेरे सिर में धड़कता है, एक रोना रोता है। अनजाने में एक स्पंदित परिक्रमा मेरे गले के पिछले हिस्से से नीचे की ओर बहती है। घर कभी एक शब्द से ज्यादा नहीं रहा। मेरे मस्तिष्क में अंकित एक अवधारणा को आवश्यक समझा गया। मनुष्य के रूप में हम जिन आदर्शों...